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चक्रधर समारोह

निरंतर गतिमान सार्वकालिक उत्सव

राजा चक्रधर सिंह के कला-स्वप्न का इंद्रधनुषी रूपांकन है चक्रधर समारोह| दरअसल हमारे अपने जीवन के रंगमंच पर, धरती – आकाश के रंगमंच पर ऐसा समारोह निरंतर सम्पन्न होता रहता है| चक्रधर समारोह के उल्लास के घुँघरू, आनंद की रागिनी और खुशियों की रोशनी भरे समूह-वाद्य निरंतर बजते रहते है.. कुछ कुछ कबीर साहब के अनहद नाद की मानिंद|

जब कभी जिंदगी ऐसे ही गुनगुनाती है – जब पंछी गीत गाते है, सिंदूरी किरणों की सुनहली पायल छनकाती, जब धीरे धीरे भोर उतरती है तो पूरी कायनात मे जैसे एक चक्रधर समारोह आयोजित हो जाता है| काले कजरारे बादलो को अपने बड़े से जुड़े मे चाँद खोसे, जब धीरे धीरे रात मुस्कुराती है तो पूरा आसमान चक्रधर समारोह जैसे उत्सव के आनंद से विभोर हो उठता है|

यह चक्रधर समारोह ही है जो हमारी खुशियों को उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई मे सजा देता है| हमारी गीली गीली हंसी और सीली सीली पीड़ा को पं. हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी मे ढाल देता है| यही चक्रधर समारोह, उस विराट की प्रार्थना के लिए, हमारे कंठ मे गायन ऋषि पं. जसराज जी के दिव्य सुर भर जाता है| बुद्ध से लेकर ओशो तक, अंतस के इसी संगीत और भीतरी सुरताल की चर्चा करते आए है| आनंद तत्व के रूप मे यही शाश्वत संगीत, चक्रेधर समारोह मे हमेशा स्पंदित होता रहता है| दरअसल चक्रधर समारोह एक सर्वकालिक एवं निरंतर गतिमान उत्सव है|

आयोजन स्थल

रामलीला मैदान, रायगढ़, छ.ग

आयोजन दिनांक

02-सितंबर-2019 से 11-सितंबर-2019

आमंत्रण

‘चक्रधर समारोह’ महाराजा चक्रधर सिंह के सांगीतिक व्यक्तित्व का स्पंदित रूपांकन है. गायन-वादन और नृत्य के शीर्षस्थ कलाकारों से लेकर नई पीढ़ी के प्रतिभाशाली फ़नकार इस समारोह में शिरकत करते रहे हैं| मनहर उधास, जावेद अली, हमसर हयात, महुआ शंकर, फरहान साबरी, विजय घाटे, पद्मश्री सुमित्रा गुहा एवं ऋतु वर्मा इस वर्ष के विशेष आमंत्रित कलाकार हैं| शास्त्रीयता के आग्रह के साथ लोकरुचि के कार्यक्रम शामिल किए जाने से यह समारोह गंभीर श्रोता-दर्शकों के साथ, आमजनों का भी अपना आयोजन बन चुका है. शास्त्रीयता, लोकरंग और महाराजा चक्रधर सिंह के प्रिय खेल कबड्डी तथा कुश्ती के संयोजन के साथ चक्रधर समारोह, प्रदेश का विशिष्ट एवं प्रतिष्ठापूर्ण सांस्कृतिक आयोजन है. सुर-ताल, छंद और घुंघरू की यह सुरीली परंपरा रचनात्मक संयोजन के साथ निरंतर जारी है. इस दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव में आप सभी कला-प्रेमियों को मैं सहृदय आमंत्रित करता हूँ|

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कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल, आई.ए.एस.

कार्यक्रम विवरण

उद्घाटन समारोह, सोमवार, 02-सितंबर-2019

  • गणेश वंदना: श्री वेदमनी सिंह ठाकुर, रायगढ़
  • कथक: महुआ शंकर
  • गज़ल: मनहर उधास, मुंबई

मंगलवार, 03-सितंबर-2019

  • कथक: स्नेहा परिमिता स्वाईन, रायगढ़
  • वायलिन: अमित मालिक, भोपाल
  • शास्त्रीय गायन: मालोविका मण्डल, नई दिल्ली
  • संतूर वादन: पं. तरुण भट्टाचार्य
  • छत्तिसगढ़ी लोकरंग: भूपेंद्र साहू, रायपुर

बुधवार, 04-सितंबर-2019

  • कथक: श्वेता आदित्य, रायगढ़
  • ददरिया / बारहमासी नृत्य: विद्या राजपूत
  • कथक: मोनिका गुप्ता, रायगढ़
  • परक्यूशन वादन: खेमेन्द्र कुमार नायक, रायपुर
  • भरथरी गायन: रेखा देवार, मुंगेली
  • सूफी गायन: हमसर हयात, मुंबई
  • वृहद खेल आयोजन: कबड्डी

गुरुवार, 05-सितंबर-2019

  • शैला एवं  बायर नृत्य : पंडितराम, सरगुजा
  • बाँसूरी वादन : रजत प्रसन्ना, दिल्ली
  • सूफी संगीत : नासिर खान एवं निंदर
  • कथक : नेहा बनर्जी, मुंबई
  • पण्डवानि : रितु वर्मा, मुंगेली
  • वृहद खेल आयोजन: कबड्डी

शुक्रवार, 06-सितंबर-2019

  • पंथी नृत्य : दिनेश जाँगड़े
  • कथक-रायगढ़ घराना : तरुण कुमार कूर्म, रायपुर
  • लोक गायन : दीपक आचार्य, रायगढ़
  • समूह कथक : डॉ. मानव महंत, ग्वालियर
  • गायन : जावेद अली, मुंबई
  • वृहद खेल आयोजन: कबड्डी

शनिवार, 07-सितंबर-2019

  • कथक-रायगढ़ घराना : बासन्ती वैष्णव, रायगढ़
  • कथक-रायगढ़ घराना : भूपेंद्र बरेठ, रायगढ़
  • कवि सम्मेलन : जाँनी बैरागी, शंभू शिखर, सम्पत सरल, अर्जुन सिसोदिया, पार्थ नवीन, पदमश्री सुरेन्द्र दुवे, अतुल अजनबी
  • वृहद खेल आयोजन: कुश्ती

रविवार, 08-सितंबर-2019

  • कथक : धारित्री सिंह चौहान, रायगढ़
  • प्यानो वादन : रजी मोहम्मद, रायपुर
  • नाटय मंचन : इप्टा-रायगढ़ एवं गुड़ी-रायगढ़
  • नाटय मंचन : बैरागड़िया राजकुमार
  • वृहद खेल आयोजन: कुश्ती

सोमवार, 09-सितंबर-2019

  • कथक : तनुश्री चौहान, बिलासपुर
  • छत्तिसगढ़ी लोकगीत : आशा चंद्रा, रायगढ़
  • भरतनाट्यम: बाला विश्वनाथ, कर्नाटक
  • शास्त्रीय गायन: राहुल रोहित मिश्रा, वाराणसी
  • लोकरंग: सुनील सोनी, दुर्ग

मंगलवार, 10-सितंबर-2019

  • लोक वाधो की जुगालबंदी : रिखी क्षत्रिय, दुर्ग
  • ओडिसी : पं. गजेन्द्र कुमार पण्डा- आर्या नंदे
  • बाँसूरी वादन : पलक जैन, मुंबई
  • लोक गाथा : गौतम चौबे, बेमेतरा
  • तबला : पदमश्री विजय घाटे, पुणे

समापन समारोह, बुधवार, 11-सितंबर-2019

  • कथक : ईशा पाण्डेय, छिन्दवाड़ा
  • शास्त्रीय गायन : पदमश्री सुमित्रा गुहा, दिल्ली
  • गायन : फरहान साबरी, मुंबई