संस्कृति और विरासत
रायगढ़ “छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी” के नाम से प्रसिद्ध है| रायगढ़ अपनी कथक नृत्य विधा (रायगढ़ घराना) एवं शास्त्रीय संगीत के लिए प्रसिद्ध है| राजा चक्रधर सिंह ने गणेश पूजा के दौरान रायगढ़ में विभिन्न प्रकार की संगीत, साहित्य एवं खेलो का आयोजन कराया था जो कि निरंतर जारी है और अभी भी हर वर्ष संगीत, साहित्य एवं खेलो का आयोजन किया जाता है| इस आयोजन को उन्ही के सम्मान में चक्रधर समारोह का नाम दिया गया है| चक्रधर समारोह में देश – विदेश के ख्याति प्राप्त संगीतकार, साहित्यकार एवं खिलाडी सिरकत करते है और चक्रधर समारोह की ख्याति पुरे देश में है|
रायगढ़ जिला ढोकरा आर्ट के लिए प्रसिद्ध है| यह आर्ट रायगढ़ जिले के झारा आदिवासी समुदाय में बहुत प्रचलित है| इस आर्ट में बेल, ब्रास और ब्रांज मेटल से मोम का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के कलाकृतियों का निर्माण किया जाता है|